पत्रकार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष से जान का खतरा

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पुलिस प्रशासन से लगाई गुहार, पत्रकार की जमीन पर कर रहा है कब्जा

झांसी। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष महेश कश्यप का परिवार सुती मिल के पास स्थित महेंद्रपुरी कॉलोनी में दर्जनों प्लॉटों पर कब्जा कर रहा है, जबकि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन आंखें मुंदे हुए हैं. मुहल्ले वाले जिलाध्यक्ष से परेशान हैं और प्रशासन से महेश को भूमाफ़िया के तौर पर चिन्हिंत किए जाने की मांग कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, सुति मिल के पास रह रहे एक गरीब किसान परिवार सुखलाल से धोखे में महेश कश्यप के भाई सेतू ने जमीन बेचने का अनुबंध कर लिया. इस अनुबंध के आधार पर उसने करोड़ों की जमीन बेची और उस परिवार को मात्र कुछ हजार रूपये दिए. परिवार के मुखिया सुखलाल ने जब इसका विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की और उसे जेल में बंद करा दिया.

अवैध कब्जा करके महेश कश्यप ने खड़ा कर ली करोड़ों की संपत्ति, महेश कश्यप के परिवार का आलीशान मकान

कोरोना काल में जब सब लोग अपने घरों में बंद थे, तब महेश कश्यप के भाई ने सुखलाल की जमीन पर जिला कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आया, जिस आधार पर वह यहां बनने वाले घरों के रंगदारी करना शुरू कर दिया और उगाही करने लगा. यह स्टे ऑर्डर उसके लिए सोने की मुर्गी बन गई. और वह बहुत ही तेजी से अमीर बनने लगा. वर्तमान में उसने एक बहुत बड़े जमीन पर कब्जा करके अपना घर बनवा लिया है. मुहल्ले वाली महेश कश्यप के परिवार के आय की स्रोत की जांच की मांग भी कर रहे हैं.

पिछले दिनों इसने एक पत्रकार की जमीन पर कब्जा करते हुए उसे डराना-धमकाना शुरू कर दिया. पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव ने जमीन पर मकान बनवाना चाहा, तो महेश कश्यप के परिवार का एक सदस्य दीपक रायकवार जो कि सीपरी थाने में 307 का मुजरिम है, उसने पत्रकार को धमकाना शुरू कर दिया. वह गुडों को लेकर काम रूकवा देता और मौके पर मौजूद मजदूरों को भगा देता और सामान फ़ेक देता. इनके आतंक से पूरा मुहल्ला डर के साये में जी रहा है, और किसी अनहोनी का डर मुहल्लेवासियों को सता रहा है. उसने पत्रकार और उसके परिवार को भी जान से मारने की धमकी दी. जिस कारण से पत्रकार का पूरा परिवार डरा हुआ है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया के साथ फ़ोटो दिखाकर बताता है अपनेआप का ताकतवर (बाएं दीपक रायकवार, महेश कश्यप का भतीजा)

इस संबंध में पत्रकार का कहना है कि उसने सीपरी थानाध्यक्ष को एक शिकायती पत्र देकर मामले की पूरी जानकारी दी है. अगर भविष्य में पत्रकार या उसके परिवार से दूसरे सदस्यों के साथ किसी तरह की अनहोनी घटना होती है, तो उसका जिम्मेदार महेश कश्यप, दीपक रायकवार, सेतू और उसका परिवार माना जाए.

वहीं, दीपक रायकवार का कहना है कि हमारे पास कोर्ट का स्टे ऑर्डर है. यह पूछे जाने पर कि क्या कोर्ट के आदेश में प्रदीप श्रीवास्तव का नाम है, तो वह कहता हैं कि प्रदीप श्रीवास्तव का नाम नहीं है, लेकिन उन्हें काम बंद करना होगा.

इस संबंध में पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव का कहना है कि महेश कश्यप और उसके परिवार के लोगों की गुंडई, रंगदारी मांगने और लोगों को धमका कर जमीन कब्जाने की प्रवृत्ति और पुलिस प्रशासन की उदासीनता को लेकर कई ऑडिया-वीडियो सबूत है, जिसका खुलासा वह जल्दी ही करेगा. कैसे महेश कश्यप का परिवार आम लोगों की जमीन पर कब्जा करता है और रंगदारी मांगता है.

पीड़ित पत्रकार द्वारा थाना प्रभारी को दिया गया ज्ञापन

भारतीय जानता पार्टी के राज में किस तरह से समाजवादी पार्टी के लोगों को गुंदागर्दी चल रही है, यह आश्चर्य की बात है. भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूमाफियाओं पर त्वरित कार्रवाई की बात करें, लेकिन झांसी का यह मामला उनकी मंशा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े कर रहा है कि कैसे समाजवादी पार्टी का जिलाध्यक्ष अपने पद का बेजा इस्तेमाल करके धन उगारी और गुंडागर्दी कर रहा है, जिससे आम लोग पिस रहे हैं और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

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